वाराणसी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव अपने अतरंग अंदाज की वजह से हमेशा सुर्खियां में बने रहते हैं। खबर है कि RJD के नेता तेज प्रताप यादव की कार का आज सुबह वाराणसी में एक्सीडेंट होने की वजह से पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई। बता दें कि तेज प्रताप यादव वाराणसी में रोहेनिया के करनाडाडी से गुजर रही थी। तभी रोहेनिया के पास उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। जैसे ही हादसे की जानकारी पुलिस को मिली पुलिस मौका ए वारदात पर पहुंच कर खबर की पूरी जानकारी लेने में जुट गई। एक्सीडेंट में तेज प्रताप की गाड़ी पूरी तरह खराब हो गई थी ना वो गाड़ी को स्टार्ट कर पा रहे थे ना ही आगे जा सकते थे।
जिसके कारण तेज प्रताप ने गाड़ी को सड़क किनारे पर खड़ी कर दी। दरअसल इन दिनों तेज प्रताप यादव वृंदावन में हैं और उनको लेने के लिए बिहार से होकर रोहनिया के रास्ते से उनकी बीएमडब्ल्यू कार गुजर रही थी कि सुबह करीब 6:30 बजे आटो चालक वाले ने पीछे से उनकी कार को टक्कर मार दी। पुलिस के अनुसार तेज प्रताप की कार में उनके पीए स्रजन स्वराज और ड्राइवर जयापाल ही मौजूद थे। हादसे के बाद कार सड़क पर ही खड़ी हो गई। वहीं कार के साथ ही स्कोर्ट के अलावा दो अन्य गाडियां भी चल रही थीं जिनको तेज प्रताप यादव को लेने वृंदावन जाना था।
हादसे के बाद तेज प्रताप के चालक ने आटो चालक से 180000 रुपये हर्जाना मांगा तो आटो चालक ने असमर्थता जता दी। इसके बाद तेज प्रताप यादव के चालक ने आटो ड्राइवर को मारकर साथ में चल रही स्कोर्ट की गाड़ी में बैठा लिया। बीच सड़क पर वीआइपी गाड़ी के चालक द्वारा मारपीट की जानकारी होने के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ लग गई तो वहीं सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई। वहीं तेज प्रताप ने फोन पर अपने पीए को पुलिस थाने जाने से मना कर दिया। हालांकि मौके पर समझौता नहीं होने पर दोनों ही पक्षों को पुलिस रोहनिया थाने लेकर चली गई और कार्यवाही में जुट गई है। क्योंकि मामला नेता की गाड़ी से जुड़ा हुआ है इसलिये पुलिस ने भी सभी बड़े अधिकारियों को इस घटना क् बारे में जानकारी दे दी।
हालांकि बाद में वाराणसी पुलिस ने अपने ऑफिशयल ट्वीटर हैंडल से इस सारे प्रकरण के बारे में इंचार्ज इंस्पेक्टर को रोहनिया के हवाले से बताया कि दोनों पक्षों द्वारा थाने पर आकर समझौता कर लिया है। वहीं लिखित रूप में दिया गया कि वो कोई कानूनी कार्यवाही नहीं चाहते हैं, इसके बाद विवाद का आखिरकार निपट गया और जो उनकी साथ वाली गाड़ियां थी तेज प्रताप को लाने के लिए वृंदावन रवाना हो गई।