देहरादून। दिनभर चली खींचतान के बाद आखिर परेड मैदान धरना स्थल पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हटा दिया। देर रात तक चली कार्रवाई में फोर्स ने प्रदर्शनकारियों के टेंट भी उखाड़ दिए। अब आज से सभी प्रदर्शनकारियों को अधोईवाला में नए धरना स्थल पर धरना देना होगा।
प्रशासन के नोटिस के बाद भी परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर तनाव का स्थिति रही। यहां दिनभर पुलिस फोर्स गश्त पर रही, जबकि तमाम संगठन यहां से शिफ्ट न किए जाने पर अड़े रहे। ऐसे में दिनभर धरना स्थल को शिफ्ट करने के लिए खींचतान चलती रही। यही नहीं, कभी संगठनों के प्रतिनिधि सरकार से समय मांगने पहुंच गए तो कभी प्रशासन के अधिकारियों धरना स्थल पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते रहे। बड़ी संख्या में पुलिस धरना स्थल के इर्द-गिर्द चहलकदमी करते रहे।
पुलिस ने लाउड स्पीकर के माध्यम से प्रदर्शनकारियों को सरकारी कार्य में बाधा न डालने की हिदायत देते हुए हटने को कहा। कुछ प्रदर्शनकारी अड़े तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। जिसके बाद अन्य प्रदर्शनकारी खुद ही हटने लगे।
राष्ट्रगान से पुलिस को रोका
धरना स्थल खाली कराने आई पुलिस को रोकने की प्रदर्शनकारियों की कोई तरकीब काम नहीं आई। पुलिस जैसे ही आगे बढ़ती प्रदर्शनकारी लाउड स्पीकर पर राष्ट्रगान शुरू कर देते। दो से तीन बार ऐसा होने के बाद पुलिस ने लाउड स्पीकर का तार निकाला और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया। जिसके बाद यहां धरना देने वाले खुद ही बाहर आ गए।
ये संगठन डटे थे धरने पर
परेड मैदान स्थित धरना स्थल में उत्तराखंड बेरोजगार संघ, गैरसैंण राजधानी बचाओ अभियान, उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच धरने पर डटे थे। जबकि, सीएए के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों के धरना भी यहीं जारी था, लेकिन कुछ दिन के लिए स्थगित हो गया था। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का टेंट भी यहां स्थापित था।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा
धरना स्थल शिफ्ट करने से नाराज आगनबाड़ी कार्यकर्ता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। आगनबाड़ी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने आरोप लगाया कि सरकार आदोलनकारियों की आवाज कुचलने का काम कर रही है। उनका कहना है धरना स्थल से किसी भी सूरत में नहीं हटेंगे। चिंता जताई कि मागों के निस्तारण के लिए कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। चेताया कि उनकी लंबित मागों का जल्द ही निस्तारण नहीं हुआ तो संगठन जल्द ही आदोलन को तेज करेगा। उन्होंने धरना स्थल शिफ्ट करने का कड़ा विरोध किया।